साल 2011 में हरियाणा लिंगानुपात की समस्या से झूझ रहा था।
जहाँ 1000 पैदा होने वाले बच्चों में 834 लड़किया थीं।
गरीब मज़दूरों और निचले तबके की समस्या में बदलाव लाने के लिए राज्य सर्कार ने एक कदम उठाया।
और लाड़ली योजना को आरम्भ किया।
जिस के माध्यम से घर में पैदा होने दूसरी बेटी को सालाना 5000 की धनराशि दी जाने लगी।
फिर 2015 में कन्या कोष योजन आरम्भ की गयी।
अब यह योजना घर की पहली बेटी की समस्या हल करने में सक्षम रही।
इस योजना द्वारा 21000 रुपये की धनराशि घर की पहली बेटी के नाम पर FD कर दी जाएगी।
यह राशि कन्या के 21 साल के होने बाद ही निकलीई जा सकेगी।
इस के माध्यम से लड़कियों को आगे पढ़ने और उनकी शादी के लिए सहायत की जा सकेगी।
जिन भी लड़कियों का जन्म अगस्त, २००५ के बाद हुआ है वही इस योजना के लिए पात्र है।